– सीएम डॉ. मोहन जब मनेर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जाने वाले थे, उससे पहले ही विपक्ष ने हेलीपैड और सभा स्थल पहुंच मार्ग को खोद दिया।
– विपक्ष ने उनकी जनसभा और रोड शो रोकने के लिए षड्यंत्र किया। लेकिन, मध्यप्रदेश के मुखिया ने भी स्पष्ट कर दिया कि चाहे जो हो जाए, वे जनता से संवाद जरूर करेंगे।
– तमाम बाधाओं के बाद भी सीएम डॉ. मोहन यादव मनेर में जनसभा करने पहुंचे।
डिजिटल डेस्क न्यूज़/भोपाल/पटना। बिहार चुनाव में सभी राजनीतिक दल ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार में लगे हैं, मतदान के एक दिन पहले चुनाव प्रचार भी थम गया है। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों बिहार में एनडीए के समर्थन में गर्मजोशी से प्रचार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें बिहार चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया है। पार्टी हित औऱ अपने लक्ष्य के प्रति उनकी लगन व कर्मशीलता और संकल्पबद्धता की बानगी आज (4 नवंबर को) बिहार में देखने को मिली।
यहां विधासनभा चुनाव प्रचार के बीच सीएम डॉ. मोहन ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे किसी भी हालात में रुकने वाले नहीं हैं। किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति उन्हें वचन को पूरा करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने साफ संदेश दिया कि जनहित ही हमारे लिए सर्वोपरी है, जनता से मिलने से हमें कोई नहीं रोक सकता।

दरअसल, सीएम डॉ. मोहन जब मनेर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जाने वाले थे, उससे पहले ही विपक्ष ने हेलीपैड और सभा स्थल पहुंच मार्ग को खोद दिया। विपक्ष ने उनकी जनसभा और रोड शो रोकने के लिए षड्यंत्र किया। लेकिन, मध्यप्रदेश के मुखिया ने भी स्पष्ट कर दिया कि चाहे जो हो जाए, वे जनता से संवाद जरूर करेंगे। तमाम बाधाओं के बाद भी सीएम डॉ. मोहन यादव मनेर में जनसभा करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं आपसे मिलने आ रहा था, तो रास्ते खोद दिए-हेलीपैड खोद दिया। लेकिन, मैं कहता हूं कि चाहे जो करो, मैं जनता से मिलने के लिए जान की बाजी लगाकर आने को तैयार हूं।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज वक्त बदलाव करने के लिए चुनौती दे रहा। हम चुनाव के आखिरी दौर में आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विश्व में अलग पहचान बन रही है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री देश के लिए लड़ाई लड़ते हैं वो अद्भुत है। वे धर्म की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे गरीबी से लड़कर निकले और तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। मेरे परिवार में भी कोई सांसद नहीं, विधायक नहीं, मंत्री का तो सवाल ही नहीं और मुख्यमंत्री तो सोच भी नहीं सकते। लेकिन, ये बीजेपी और एनडीए ही है, जिसने आपके बीच के इस गोपाल को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया।













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